आज आप कंप्यूटर पर
इंटरनेट चलाते हैँ, गेम खेलते है, वीडियो देखते हैं,
गाने सुनते हैँ और इसके अलावा ढेर सारे
ऑफिस से संबंधित काम करते हैं आज
कंप्यूटर का उपयोग दुनिया के हर क्षेत्र
मेँ किया जा रहा है चाहे वो शिक्षा
जगत हो,
फिल्म जगत हो या आपका ऑफिस हो। कोई भी
जगह कंप्यूटर के बिना अधूरी
है आज आप कंप्यूटर की सहायता से इंटरनेट
पर दुनिया के किसी भी शहर की कोई
भी जानकारी सेकेण्डों मे प्राप्त कर सकते
हैँ ये किसी दूसरे देश मेँ बैठे
अपने मित्रोँ और रिश्तेदारोँ से इंटरनेट
के माध्यम लाइव वीडियो कॉंफ्रेंसिंग कर सकते हैँ यह सब संभव हुआ है कंप्यूटर की वजह
से। सोचिए अगर कंप्यूटर ना होता तो आज की दुनिया कैसी दिखाई देती।
कंप्यूटर शुरुआत कहाँ
से हुई ओर क्यूँ हुई ? क्या वाकई मेँ कंप्यूटर इन सभी कामाें को करने के
लिये बना था या इसका आविष्कार किसी और वजह से हुआ था आइए जानते हैँ -
मानव के लिए गणना
करना शुरु से ही कठिन रहा है मनुष्य बिना किसी मशीन के एक सीमित स्तर तक ही
गणना या केलकुलेशन कर सकता है
ज्यादा बडी कैलकुलेशन करने के लिए मनुष्य को मशीन पर ही निर्भर रहना पड़ता है इसी
जरुरत को पूरा करने के लिए मनुष्य ने कंप्यूटर का निर्माण किया, यानी गणना करने के
लिए।
अबेकस - 3000
वर्ष पूूूूर्व
अबेकस का निर्माण लगभग 3000
वर्ष पूर्व चीन के वैज्ञानिकोँ ने किया
था। एक आयताकार फ्रेम में लोहे की छड़ोँ में लकडी की गोलियाँ लगी रहती
थी जिनको ऊपर नीचे करके गणना या केलकुलेशन की जाती थी। यानी यह बिना
बिजली के चलने वाला पहला कंप्यूटर था वास्तव मेँ यह काम करने के लिए आपके
हाथो पर ही निर्भर था।
एंटीकाईथेरा तंत्र
- 2000 वर्ष पूर्व
Antikythera असल
में एक खगोलीय कैलकुलेटर था जिसका प्रयोग प्राचीन यूनान में सौर और चंद्र
ग्रहणों को ट्रैक करने के लिए किया जाता था,
एंटीकाईथेरा यंञ लगभग 2000 साल
पुराना है, वैज्ञानिको को यह यंञ 1901 में एंटीकाइथेरा द्वीप पर पूरी तरह से नष्ट हो चुके जहाज से जीर्ण-क्षीर्ण अवस्था में प्राप्त हुआ था, इसी कारण इसका नाम एंटीकाईथेरा सिस्टम पडा तभी से वैज्ञानिक इसे डिकोड करने
में लगे थे और लंबे अध्ययन के बाद अब इस कंप्यूटर को डिकोड कर लिया गया
है। यह मशीन ग्रहों के साथ ही आकाश में सूर्य और चांद की स्थिति
दिखाने का काम करती है। एंटीकाईथेरा तंत्र ने आधुनिक युग का पहला ज्ञात एनलोग कंप्यूटर होने का श्रेय
प्राप्त कर लिया, यूनानी ने एंटीकाईथेरा सिस्टम को खगोलीय और गणितीय आकड़ो का सही अनुमान लगाने के लिए विकसित किया गया था
पास्कलाइन (Pascaline)
- सन् 1642
अबेकस के बाद निर्माण हुआ पास्कलाइन का। इसे गणित के विशेषज्ञ
ब्लेज पास्कल ने सन् 1642
में बनाया यह अबेकस से अधिक गति से गणना
करता था। ये पहला मैकेनिकल कैलकुलेटर था। इसे मशीन को एंडिंग मशीन (Adding Machine) कहा जाता था, Blase
Pascal की इस Adding
Machine को Pascaline
भी कहते हैं
डिफरेंज इंजन (Difference
Engine) - सन् 1822
डिफरेंस इंजन सर चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया एेसा यंत्र था जो
सटीक तरीके से गणनायें कर सकता था,
इसका आविष्कार सन 1822 में
किया गया था, इसमें प्रोग्राम स्टोरेज के लिए के पंच कार्ड का इस्तेमाल किया जाता
था। यह भाप से चलता था,
इसके आधार ही आज के कंप्यूटर बनाये जा रहे हैं इसलिए चार्ल्स बैवेज को कंप्यूटर का जनक कहते हैँ।
जुसे जेड - 3
- सन् 1941
महान वैज्ञानिक "कोनार्ड जुसे" नें "Zuse-Z3" नमक
एक अदभुत यंत्र का आविष्कार किया जो कि द्वि-आधारी अंकगणित की गणनाओ (Binary Arithmetic) को एवं चल बिन्दु अंकगणित गणनाओ (Floating
point Arithmetic) पर आधारित सर्वप्रथम Electronic
Computer था।
अनिएक - सन् 1946
अमेरिका की एक Military
Research room ने "ENIAC" मशीन
जिसका अर्थ (Electronic Numerical
Integrator And Computer) का
निर्माण किया। "ENIAC" दशमलव अंकगणितीय प्रणाली (Decimal
Arithmetic system ) पर कार्य करता था, बाद मे "ENIAC" सर्वप्रथम कंप्यूटर के रूप में प्रसिद्ध हुई जो कि आगे चलकर आधुनिक कंप्यूटर के रूप में विकसित हुई
मैनचेस्टर स्माल स्केल मशीन (SSEM) - सन्
1948
(SSEM) पहला
ऐसा कंंम्यूटर था जो किसी भी प्राेग्राम को वैक्यूम ट्यूब (Vacume Tube) में
सुरक्षित रख सकता था, इसका निक नेम Baby
रखा गया था, इसे बनाया था फ्रेडरिक विलियम्स और टॉम किलबर्न ने
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